Starlink को मिला लाइसेंस, जल्द भारत में शुरू होगी सर्विस, लेकिन कीमत पहले ही लीक!

Image
  07-Jun-2025 लंबे समय से Elon Musk की Starlink भारत में एंट्री की कोशिश कर रही थी. अब Reuters की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, Starlink को भारत के टेलीकॉम मंत्री से लाइसेंस मिल गया है. इससे Starlink को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑफर करने की इजाजत मिल गई है.यानी, Starlink ने भारत में कमर्शियल सर्विस के लिए एक बड़ा हर्डल पार कर लिया है. 2022 से Starlink लगातार भारत में ऑपरेशन के लिए लाइसेंस लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हो रही थी. लेकिन, बाकी लाइसेंस मिल जाने के बाद अब केवल इसको IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल चाहिए. आइए आपको Starlink की प्राइसिंग और बाकी डिटेल्स बताते हैं. Starlink इंटरनेट कैसे काम करता है? Starlink का इंटरनेट रेगुलर ब्रॉडबैंड से अलग है, जो केबल्स और मोबाइल टावर्स पर डिपेंड करता है. Starlink Low Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट नेटवर्क पर काम करता है. ये सैटेलाइट्स इंटरनेट सिग्नल्स को डायरेक्टली यूजर टर्मिनल्स जैसे घरों और ऑफिसे, तक डिश इंस्टॉलेशन के जरिए भेजते हैं, यहां तक कि रिमोट इलाकों में भी.LEO सैटेलाइट्स धरती के ज़्यादा करीब (लगभग 550 किमी) ...

सरपंच से वापस हो सकता है वित्तीय अधिकार, हाईकोर्ट में लगी याचिका पर फैसला, रिश्वत वाला कनेक्शन, जानें पूरा मामला

 

MP हाईकोर्ट ने एक सरपंच की वित्तीय अधिकार वापस लेने वाली याचिका खारिज कर दी। उसने सीईओ के फैसले को चुनौती दी थी। लोकायुक्त में रिश्वत का मामला दर्ज होने के कारण कोर्ट ने सीईओ के फैसले को सही ठहराया।

 26 May 2025, 11:04 am

जबलपुर: हाईकोर्ट ने एक सरपंच की याचिका को खारिज कर दिया है। सरपंच ने जिला पंचायत के सीईओ द्वारा वित्तीय अधिकार वापस लेने के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने पाया कि सरपंच के खिलाफ लोकायुक्त में रिश्वत लेने का मामला दर्ज है। इसलिए कोर्ट ने सीईओ के फैसले को सही ठहराया और याचिका रद्द कर दी। इससे होगा ये कि सरपंच अब पंचायत के वित्तीय फैसले नहीं ले पाएंगे।
मामला शहडोल जिले के सोहागपुर तहसील के मायकी ग्राम पंचायत का है। मंघु बैगा नाम के सरपंच ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि जिला पंचायत के सीईओ ने उनसे वित्तीय अधिकार छीन लिए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लोकायुक्त ने उनके खिलाफ 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था।
भ्रष्टाचारी सरपंच का कहना
सरपंच ने अपनी याचिका में कहा था कि सीईओ को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। उनके वकील ने कहा कि सिर्फ आपराधिक मामला दर्ज होने से किसी सरपंच के वित्तीय अधिकार नहीं छीने जा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि सीईओ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश जारी किया है। सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरपंच पर भ्रष्टाचार और अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप है। इसलिए वित्तीय अधिकार वापस लेना सही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में शामिल होने के कारण यह फैसला लिया गया।
सीईओ के पास ये पावर
एमपी हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने मध्य प्रदेश पंचायत (मुख्य कार्यपालन अधिकारी की शक्तियां एवं कार्य) नियम 1995 का हवाला दिया। इस नियम के अनुसार, सीईओ को पंचायत की सभी गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें नियंत्रित करने का अधिकार है।


कोर्ट का एक्शन
कोर्ट ने कहा कि सीईओ का यह कर्तव्य है कि वह यह सुनिश्चित करे कि पंचायत के धन या संपत्ति का कोई नुकसान न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीईओ को भ्रष्टाचार के मामले में शामिल पाए जाने वाले सरपंच की वित्तीय शक्तियों को वापस लेने का अधिकार है।

Comments

Popular posts from this blog

“क्या आप भी एक ताकतवर मर्द की तरह अपना स्टैमिना और आंतरिक क्षमता बढ़ा कर दमदार प्रदर्शन करना चाहते है? अगर हाँ तोह आगे पढ़े।