आठ साल की बच्ची ने पिता के खिलाफ दायर की MACT याचिका, मिला 32 लाख का मुआवजा

 

May 12, 2025 - 06:51 PM (IST)


नारी डेस्क: एक आठ वर्षीय लड़की ने अपनी दादी को कानूनी अभिभावक के रूप में नियुक्त कर, अपने पिता, वाहन मालिक, चालक और बीमा कंपनी के खिलाफ मोटर दुर्घटना दावे की याचिका दायर की। यह याचिका दिसंबर 2021 में हुए एक कार दुर्घटना में उसकी मां की मौत के बाद दायर की गई थी। ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायालय ने इस बच्ची के पक्ष में फैसला सुनाया और 32.41 लाख रुपये का मुआवजा तय किया। अदालत ने यह माना कि दुर्घटना के समय लड़की के पिता की लापरवाही थी, जिसने सड़क के डिवाइडर से टकराकर अपनी पत्नी को जानलेवा चोटें दीं।


दुर्घटना का विवरण

यह दुखद घटना 24 दिसंबर 2021 को घटित हुई, जब लड़की की मां अपने पति और बच्ची के साथ नांदेड़ से उमरखेड जा रही थीं। उस समय उनकी उम्र 38 वर्ष थी और वह एक नर्सिंग कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत थीं। दुर्घटना के कारण गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।



दावे में यह कहा गया था कि दुर्घटना में लड़की की मां की मौत के लिए लड़की के पिता की लापरवाही जिम्मेदार थी। याचिका मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत दायर की गई थी, जिसमें दुर्घटना के लिए जिम्मेदार वाहन मालिक और बीमा कंपनी को जवाबदेह ठहराया गया। स्थानीय पुलिस स्टेशन में इस घटना का मामला दर्ज किया गया था।


बीमा कंपनी की दलील

बीमा कंपनी ने इस याचिका का विरोध करते हुए यह दावा किया कि एक अज्ञात वाहन ने उनके बीमे वाली कार को पीछे से टक्कर मारी थी, जिसके कारण दुर्घटना हुई। कंपनी ने यह भी कहा कि लड़की के पिता के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जिससे बीमा पॉलिसी का उल्लंघन हुआ था और पिता की गलती से दुर्घटना हुई थी।

न्यायालय का फैसला

हालांकि, न्यायालय ने बीमा कंपनी की इन दलीलों को खारिज कर दिया और यह फैसला सुनाया कि लड़की के पिता की लापरवाही से दुर्घटना हुई थी। अदालत ने यह माना कि दुर्घटना के समय वाहन बीमा पॉलिसी के तहत कवर था और बीमा कंपनी के द्वारा दी गई दलीलें सही नहीं थीं। न्यायालय ने यह भी स्वीकार किया कि मृतक महिला जो एक क्लिनिकल इंस्ट्रक्टर के रूप में काम करती थीं, प्रति माह 38,411 रुपये कमाती थीं। अदालत ने मृतक के इस वेतन को भी ध्यान में रखते हुए मुआवजे का हिसाब लगाया और अन्य मुआवजे के कारणों जैसे भविष्य की संभावनाओं, निर्भरता की हानि और अंतिम संस्कार खर्चों को भी शामिल किया।


मुआवजे की राशि

कुल मुआवजा 64.82 लाख रुपये निर्धारित किया गया। चूंकि लड़की के पिता को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, न्यायालय ने मुआवजे की कुल राशि का 50 प्रतिशत—32.41 लाख रुपये—लड़की को दिए। इस राशि पर याचिका दायर करने की तारीख से लेकर भुगतान की तारीख तक 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी जोड़ा जाएगा।

Comments

Popular posts from this blog

“क्या आप भी एक ताकतवर मर्द की तरह अपना स्टैमिना और आंतरिक क्षमता बढ़ा कर दमदार प्रदर्शन करना चाहते है? अगर हाँ तोह आगे पढ़े।

Airport Ground Staff Vacancy in indian airports

Gorkha rifles Recruitment 2024