Starlink को मिला लाइसेंस, जल्द भारत में शुरू होगी सर्विस, लेकिन कीमत पहले ही लीक!

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  07-Jun-2025 लंबे समय से Elon Musk की Starlink भारत में एंट्री की कोशिश कर रही थी. अब Reuters की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, Starlink को भारत के टेलीकॉम मंत्री से लाइसेंस मिल गया है. इससे Starlink को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑफर करने की इजाजत मिल गई है.यानी, Starlink ने भारत में कमर्शियल सर्विस के लिए एक बड़ा हर्डल पार कर लिया है. 2022 से Starlink लगातार भारत में ऑपरेशन के लिए लाइसेंस लेने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हो रही थी. लेकिन, बाकी लाइसेंस मिल जाने के बाद अब केवल इसको IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल चाहिए. आइए आपको Starlink की प्राइसिंग और बाकी डिटेल्स बताते हैं. Starlink इंटरनेट कैसे काम करता है? Starlink का इंटरनेट रेगुलर ब्रॉडबैंड से अलग है, जो केबल्स और मोबाइल टावर्स पर डिपेंड करता है. Starlink Low Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट नेटवर्क पर काम करता है. ये सैटेलाइट्स इंटरनेट सिग्नल्स को डायरेक्टली यूजर टर्मिनल्स जैसे घरों और ऑफिसे, तक डिश इंस्टॉलेशन के जरिए भेजते हैं, यहां तक कि रिमोट इलाकों में भी.LEO सैटेलाइट्स धरती के ज़्यादा करीब (लगभग 550 किमी) ...

स्ट्रोक का खतरा तीन गुना बढ़ाती हैं गर्भनिरोधक गोलियां, स्टडी में सामने आई ये चौंकाने वाली बात

 

आजकल कई महिलाएं अनचाही गर्भधारण को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। इनमें से एक प्रमुख है Combined Oral Contraceptive Pills (COC)। हाल ही में एक सम्मेलन में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो महिलाएं ये गोलियां लेती हैं, उनमें इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा तीन गुना तक बढ़ सकता है। यहां ‘ओरल’ का मतलब होता है मुंह से लेना। ये गोलियां मुंह के जरिए ली जाती हैं।

सम्मेलन में हुई बड़ी जानकारी

20 मई को फिनलैंड के हेलसिंकी में European Stroke Organisation के सम्मेलन में इस बात का दावा किया गया कि जो महिलाएं ये गोलियां लेती हैं, उनके दिमाग में ब्लड फ्लो रुक जाता है। इससे उनके स्ट्रोक का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है।

गोलियों में क्या होता है?

इन गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन नामक हार्मोन होते हैं जो महिलाओं को गर्भधारण से रोकते हैं। लेकिन इन हार्मोन के कारण ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है जो स्ट्रोक का कारण बनती है।

किन महिलाओं को होता है ज्यादा खतरा?
जिन महिलाओं को माइग्रेन की समस्या है। जिनका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है। जिनमें ब्लड क्लॉटिंग की परेशानी है। जिनकी फैमिली हिस्ट्री में स्ट्रोक या दिल की बीमारी रही हो। डॉक्टर भी इन गोलियों का इस्तेमाल सोच-समझकर ही करने की सलाह देते हैं। ये खतरा केवल हार्मोन की वजह से नहीं होता, बल्कि जेनेटिक्स और आपकी दिनचर्या का भी इस पर बड़ा असर होता है। सम्मेलन में कहा गया कि जिन महिलाओं को इस्केमिक स्ट्रोक का परिवार में इतिहास रहा है, उन्हें इन गोलियों का सेवन करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा तीन गुना तक
COC का ज्यादा सेवन करने से इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा 1.6 से लेकर 3 गुना तक बढ़ जाता है। जिन महिलाओं को स्मोकिंग की आदत है, उनमें भी यह खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन या स्ट्रोक का इतिहास इन महिलाओं के लिए खतरे को और बढ़ा देता है।
डॉक्टर से सलाह लेना क्यों जरूरी है?
दुनिया भर में लगभग 25 करोड़ महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग कर रही हैं। खासकर एस्ट्रोजन वाली गोलियां महिलाओं के कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालती हैं। इसलिए किसी भी गर्भनिरोधक गोली को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है।

गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं के लिए गर्भधारण से बचाव का एक प्रभावी तरीका हैं, लेकिन इनके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए, खासकर उन महिलाओं को जिन्हें हार्ट, ब्लड प्रेशर या स्ट्रोक जैसी बीमारियां या परिवार में इनका इतिहास हो। सही जानकारी और सावधानी से ही इन गोलियों का सुरक्षित उपयोग संभव है।

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